DR DEEPTI GAUR

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Sep-2022 विषय स्त्री की आकांक्षा शीर्षक रस्सी कूदती बच्चियां

विषय- स्त्री की आकांक्षा शीर्षक- रस्सी कूदती बच्चियां हल्की गुनगुनी धूप और हवा के हल्के थपेड़ों के बीच, इठलाती, बलखाती, खेलती ये रस्सी कूदती बच्चियां l उन्मुक्तता, स्वच्छंदता के लगते

नए प्रतिमान गढ़तीं बच्चियां l कभी गिरती हैं, कभी संभलती हैं, कभी हंसती हैं, तो कभी खिलखिलाती हैं l जाती है मेले में तो थम जाते हैं नन्हे पांव, रंग-बिरंगी रस्सियों की दुकान पर l घर के आंगन में खुशनुमा माहौल, मां-बाप की आंखों में सुकून और रौनक सी भर जाती हैं ये रस्सी कूदती बच्चियां l मालूम नहीं उनको, है ना कुछ खबर जब जाएंगी बाबुल के घर से , तब रस्सियों को रख देंगी मां , सहेजकर एक पुराने संदूक में l शायद अब ये बन जाएंगी बेड़ियां , और उनके बोलने, खिलखिलाने पर भी, लग जाएंगे न जाने कितने प्रतिबंध ? पर नहीं, यकीनन नहीं, वे गढ़ रहीं नित नए प्रतिमान, छू रहीं प्रति पल नूतन आयाम l देंगी जमाने को भी नई दिशा, ये रस्सी कूदती देश की बच्चियां l © रचनाकार डॉ. दीप्ति गौड़ "दीप" ग्वालियर मध्यप्रदेश भारत सर्वांगीण दक्षता हेतू राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक,विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित । # दैनिक प्रतियोगिता हेतु




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12 Comments

Supriya Pathak

09-Sep-2022 12:07 AM

Achha likha hai 💐

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Reena yadav

08-Sep-2022 04:13 PM

👍👍

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Milind salve

08-Sep-2022 10:43 AM

बहुत खूब

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